विश्वकोश और उनके प्रकार | Vishvakosh aur Unke Prakar| Encyclopaedia

विश्वकोश और उनके प्रकार
             Vishvakosh aur Unke Prakar  


विश्वकोश और उनके प्रकार | Vishvakosh aur Unke Prakar| Encyclopaedia



    विश्वकोश या Encyclopaedia में विश्व के अनेक विषयों - धर्म, दर्शन, साहित्य, कला, इतिहास, भूगोल, ज्ञान-विज्ञान आदि से संबद्ध जानकारी दी जाती है जिसे विषय के अधिकारी विद्वानों से लिखवाया जाता है।

     शीर्षकों को इसमें विषयानुसार न रखकर वर्णक्रम से रखा जाता है ताकि अध्येता (fellow or research scholar) किसी भी शब्द को, यह पता न होने पर भी कि यह किस विषय से संबद्ध शब्द है; आसानी से ढूंढ़ सके। 

    विश्वकोश (Encyclopedia) का महत्व भी साहित्य कोश के समान ही है—अर्थात् विषयों तथा अवधारणाओं के बारे में समुचित जानकारी देना। 

    किसी भी पुस्तकालय में आपको अनेक खंडों में प्रकाशित अंग्रेजी के अनेक विश्वकोश मिल जाएँगे, जैसे Encyclopaedia Britannica, American Encyclopaedia, Collins Encyclopaedia आदि। हिन्दी में भी डॉ. नगेन्द्रनाथ वसु द्वारा प्रस्तुत "हिन्दी विश्व विश्वकोश" पचीस खंडों में उपलब्ध है। 


विश्वकोशों की परिभाषा एवं विस्तार क्षेत्र


     विश्वकोश का अंग्रेजी रूपान्तर 'इन्साइक्लोपीडिया' ग्रीक शब्द "enkyklios paideia" से व्युत्पन्न हुआ है जिसका अभिप्राय 'सामान्य शिक्षा' है। इसका अर्थ ज्ञानमंडल (Circle of Knowledge) अथवा "ज्ञान केन्द्र" अथवा "विद्या का केन्द्र" अथवा "ज्ञान की पूर्ण प्रणाली" (a complete system of learning) भी होता है। 


    इसके लम्बे इतिहास से यह प्रतीत होता है कि इसके अभिप्राय एवं अर्थ में पर्याप्त परिवर्तन हुआ है। अब विश्वकोश पद का अनुप्रयोग किसी भी एक खंडीय (Single Volume) अथवा बहुखंडीय Many Volumes) संदर्भ कृतियों को लिए किया जाता है जिसमें प्रायः मानव ज्ञान की सभी शाखाओं अथवा किसी विषय विशेष की शाखा से संबंधित पांडित्यपूर्ण एवं प्रामाणिक आलेखों को सम्मिलित किया गया हो और जो सामान्यतया वर्णानुक्रम में व्यवस्थित हो। प्रत्येक आलेख के अंत में पूर्ण ग्रंथसूचियों अथवा संदर्भों को प्रस्तुत किया गया होता  है ।

 

विश्वकोशों की उपयोगिता


     विश्वकोश ज्ञान के आगार होते हैं और सभी विषयों की सूचना प्रदान करते हैं। पुस्तकालय में संदर्भग्रंथ के रूप में विश्वकोश मेरुदण्ड का कार्य करते हैं। किसी विषय से संदर्भित प्रश्नों का उत्तर इनकी सहायता से प्रदान किया जा सकता है।


 अधिकांश पाठक संदर्भ की समान्य पुस्तकों और विश्वकोशों के अंतर को समझे बिना ही सामान्य-सी पुस्तकों को विश्वकोश मान लेते हैं।


     यद्यपि पुस्तकालय में संदर्भ के लिए अनेक पुस्तकें होती हैं। तथापि पुस्तकालयाध्यक्ष सूचना प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम विश्वकोशों का अवलोकन करते हैं।


     प्राचीन समय में विश्वकोशों का उपयोग समाज का ऊँचा तबका ही करता था, परंतु आजकल सभी प्रकार के सामान्य लोग भी इनका उपयोग करते हैं। 


विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों में विश्वकोश अधिक लोकप्रिय है और इनका उपयोग भी वे अधिक करते हैं।


विश्वकोशों का महत्व  



(i)     विश्वकोशों का अवलोकन किसी विषय की संक्षिप्त, सरल एवं प्रामाणिक जानकारी एक स्थान पर प्राप्त करने के लिए किया जाता है।


(ii)    विश्वकोशों के अवलोकन की तब भी आवश्यकता होती है जब किसी अत्यन्त सीमित विषय पर जानकारी चाहिए जिसके लिए पुस्तकालय में कोई पुस्तक उपलब्ध नहीं है।


(iii)    विश्वकोशों से सामान्यतः निष्पक्ष एवं पूर्वाग्रहरहित सूचना प्राप्त होती है और संबंधित विषय पर सभी दृष्टिकोणों से सारगर्भित सूचना सामग्री प्राप्त हो जाती है।


(iv)    इसमें संबंधित प्रकरण या विषय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सहित सभी आवश्यक सूचना सामग्री प्राप्त होती है।


(v)   विश्वकोश प्रायः जीवनचरित (Biography) से संबंधित सूचना के प्रमुख स्रोत होते हैं। 

    

 

(vi)     विश्वकोशों के मुख्य भाग में जिन विषयों मुद्दों या प्रकरणों का विशेष विषय-शीर्षकों (subject title) के रूप में वर्णन नहीं किया गया हो, उनके बारे में सूचना प्राप्त करने के लिए अनुक्रमणिका (index) का अपना महत्व होता है।


(vii)    विश्वकोशों में चित्रों, डायग्रामों एवं मानचित्रों का भी अत्यधिक महत्व होता है। रंगीन चित्रों, श्वेत-श्याम छायाचित्रों एवं रेखांकित आकृतियों से विश्वकोशों के सौष्ठव और सुरुचिपूर्णता में तो निखार आता ही है, संबंधित प्रकरण के वर्णन एवं प्रस्तुतीकरण को समझने में भी इनसे पर्याप्त सहायता मिलती है।


(viii)   विषय के पाण्डित्यपूर्ण एवं प्रामाणिक विवरण को विश्वकोशों के संपादक अधिक महत्व देते हैं। इस तथ्य पर संदेह किए बिना कि विश्वकोकशीय कृतियों पर पूर्णतः विश्वास नहीं करना चाहिए, प्रत्येक विवरण को संशयात्मक मानना चाहिए और उसकी पुष्टि कर ही उसे स्वीकार करना चाहिए। 


इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि मानव जाति द्वारा उत्पादित सर्वोत्तम विचारों एवं जटिलतम ज्ञान को जानने और समझने के लिए विश्वकोश ज्ञान जगत् के प्रवेश द्वार का कार्य करते हैं। 


         न्यू ब्रिटानिका की रचना में 4300 विद्वानों एवं विशेषज्ञों तथा नोबल पुरस्कार विजेताओं-मिल्टन, फ्रिडमैन और लीनस पालिंग (Multon, Friedman, Linus Pauling) की सेवाओं का उपयोग किया गया था।

 

 विश्वकोशों के प्रकार


        वैसे तो विश्वकोश अनेक प्रकार के हो सकते हैं पर यहाँ हम कुछ प्रमुख प्रकार के विश्वकोशों का अध्ययन करेंगे, जो कि निम्नानुसार हैं : 

 

 सामान्य विश्वकोश 


        सामान्य विश्वकोशों का उपयोग किसी भी विषय की  पृष्ठभूमि के संबंध में सूचना प्राप्त करने के लिए किया जाता है। 

हमारे लिए अज्ञात विषयों की सूचना प्राप्त करने के लिए अथवा जानकारी को ताजा करने के लिए उनका उपयोग किया जाता है। आलेखों के अंत में दी गई ग्रंथसूची से पाठकों को संबंधित विषय का विस्तृत अध्ययन करने में सहायता प्राप्त होती है।


         किसी व्यक्ति के सामान्य ज्ञान की अभिवृद्धि में तथा किसी सामान्य व्यक्ति को स्वयं शिक्षित करने में विश्वकोशों से सहायता मिलती है। किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक तथा शिक्षक एवं शिक्षार्थी के मध्य एक सतत् कड़ी का कार्य भी विश्वकोश करते हैं और इन्हें बिना किसी झिझक के उपयोग में लाया जा सकता है।

 इनसे तथ्यों, चित्रों, जीवनचरित, भौगोलिक एवं ऐतिहासिक सूचना को प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार सामान्य विश्वकोशों में उन सभी प्रकार की सूचनाओं को एक स्थान पर सम्मिलित किया गया होता है जिन्हें अन्य संदर्भ स्रोतों में पृथक-पृथक पाया जाता है, जैसे शब्दकोश,  पंचांग, निर्देशिका, जीवनचरित एवं भौगोलिक स्रोत, भूचित्रावली, जनगणना प्रतिवेदन, गजेटियर, हैण्डबुक, मैन्युअल इत्यादि। विश्वकोशों में बहुआयामी सूचना सुलभ होने के कारण उन्हें पर्याप्त लोकप्रियता प्राप्त हुई।

 

 अंग्रेजी भाषा और अन्य यूरोपीय भाषाओं के सामान्य विश्वकोश 


अंग्रेजी के अतिरिक्त अन्य यूरोपीय भाषाओं के विश्वकोशों के महत्व का संक्षिप्त वर्णन निम्नांकित रूप में किया जा सकता है: 

 

·       विश्वविद्यालय, महाविद्यालय तथा विद्यालय के पुस्तकालयों में विदेशी भाषा के विश्वकोशों का संकलन करने से विदेशी भाषा के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को बड़ी सुविधा होती है।

 

·        ऐसे विश्वकोश उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं जो अंग्रेजी भाषा में प्रवीण एवं कुशल नहीं हैं।

 

·       विदेशी भाषा सीखने वालों को इसकी आवश्यकता होती है। द्विभाषीय शब्दकोशों की सहायता से इनका उपयोग कर संबंधित देश के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है और उस भाषा में दक्षता भी अर्जित की जा सकती है।

·       किसी देश के निवासियों की जीवन शैली का अनुमान लगाने में भी ये उपयोक्ताओं (users) की सहायता करते हैं।


  क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विश्वकोश 



पुस्तकालयों में न केवल अंग्रेजी भाषा में अन्य राष्ट्रों के विश्वकोशों का संकलन होता है बल्कि अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में भी बृहत एवं महत्वपूर्ण राष्ट्रीय विश्वकोश उपलब्ध है जो सूचना की दृष्टि से पर्याप्त समृद्ध एवं सूचनाप्रद होते हैं। इनकी अवहेलना नहीं करनी चाहिए। 

किसी भी देश का राष्ट्रीय विश्वकोश उस देश के इतिहास, साहित्य, संस्कृति, रीति-रिवाजों एवं आचार-व्यवहार, त्यौहारों, भौगोलिक विवरण, सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक स्थिति इत्यादि की प्रचुर सूचना प्रदान करते हैं।

 

·       किसी देश के किसी पक्ष विशेष से संबंधित विस्तृत, सटीक एवं तथ्यात्मक सूचना विदेशी राष्ट्रीय विश्वकोशों से प्राप्त होती है जो क्षेत्रीय सामान्य विश्वकोशों में उतनी मात्रा में सुलभ नहीं होती है।

 

·       सामान्य विश्वकोशों में कुछ विशेष प्रकरणों, जैसे विख्यात एवं महत्वपूर्ण व्यक्तियों - का जीवनचरित तथा छोटे देशों से संबंधित ऐतिहासिक, भौतिक एवं भौगोलिक, सांस्कृतिक सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्थिति की सूचना या तो पूर्ण नहीं होती है अथवा अत्यन्त अल्प होती है जिससे उपयोक्ता को सूचना की आवश्यकता की पूर्ति नहीं हो पाती है। अतः इस प्रकार की विस्तृत तथा सटीक सूचना संबंधित देश के राष्ट्रीय विश्वकोशों से ही प्राप्त की जा सकती है।

 

विशिष्ट विषय : विश्वकोश

यह एक सामान्य तथ्य है कि किसी भी पुस्तकालय के पुस्तकालय अध्यक्ष (Librarian) के पास विशिष्ट विषयों/ प्रकरणों तथ्यों से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए पाठकगण आते रहते हैं। ऐसे प्रश्नों का उत्तर प्रदान करने के लिए विषय-विश्वकोशों को ही उपयोग में जाना पड़ता है जो इनके लिए प्रमुख सूचना स्रोत का कार्य करते हैं।

 प्रायः पाठकगण किसी विषय-विशेष पर कुछ विवरण अथवा उस विषय का विस्तृत विवरण प्राप्त करने के लिए पुस्तकालय में आते हैं। वे कभी-कभी मात्र विषयों के डेटा अथवा तथ्यों को ही नहीं प्राप्त करना चाहते हैं बल्कि संबंधित विषय अथवा प्रकरण की पूर्ण एवं सुव्यवस्थित सूचना अनुसंधान (research) के उद्देश्य से प्राप्त करना चाहते हैं। 

पाठकों को संबंधित विषय अथवा प्रकरण (topic) की उपयुक्त रूपरेखा, उसका परिचय अथवा सुव्यवस्थित वर्णन प्राप्त करने के लिए सामान्य विश्वकोशों का ही अध्ययन करना पड़ता है, जिससे उन्हें संबंधित विषय से सुपरिचित होने के लिए आवश्यक सूचना प्राप्त हो जाती है।

 इससे अधिक विस्तृत एवं विशिष्टीकृत सूचना प्राप्त करने के लिए विशिष्ट विषय-विश्वकोश का उपयोग करना पड़ता है।

     विषय-विश्वकोश विषय विशेषज्ञों के जीवन-चरित के लिए भी अत्यन्त महत्वपूर्ण संदर्भ स्रोत का कार्य करते हैं क्योंकि इनमें सम्मिलित प्रकरण बहुधा वे प्रकरण होते हैं जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक लोकप्रिय नहीं होने के कारण सामान्य विश्वकोशों में सम्मिलित नहीं हो पाते। ऐसे विषय विशेषज्ञों का योगदान संबंधित विषय विशेष क्षेत्र में महत्वपूर्ण होता है अतः उन्हें विषय-विश्वकोशों में स्थान प्रदान किया जाता है।


निष्कर्ष 

     विश्वकोश के लम्बे इतिहास से यह प्रतीत होता है कि इसके अभिप्राय एवं अर्थ में पर्याप्त परिवर्तन हुआ है। अब विश्वकोश पद का अनुप्रयोग किसी भी एक खंडीय (single volume) अथवा बहुखंडीय (multi volumes) संदर्भ कृतियों के लिए किया जाता है जिसमें प्राय: मानव ज्ञान की सभी शाखाओं अथवा किसी विषय विशेष की शाखा से संबंधित पांडित्यपूर्ण एवं प्रामाणिक आलेखों (articles) को सम्मिलित किया गया हो और जो सामान्यतया वर्णानुक्रम में व्यवस्थित हो।

     सामान्य एवं विशिष्ट विश्वकोशों के विस्तार क्षेत्र एवं व्यापकत्व का अन्तर स्पष्ट है। सामान्य विश्वकोशों में जिन आलेखों का संकलन किया गया होता है वे ज्ञान की सभी शाखाओं से संबंधित आवश्यक सूचना प्रदान करते हैं। वे विषयों अथवा नामों के अनुसार वर्णानुक्रमिक रूप में अथवा वर्गीकृत क्रमानुसार व्यवस्थित किए जाते हैं। इनका उद्देश्य सामान्य पाठकों के लिए वांछित सूचना प्रदान करना है। 

सामान्यतः विश्वकोशों को अद्यतन रखने के लिए इनके पूरक खंडों (supplementary volumes) के प्रकाशन की प्रथा प्रचलित है। लेकिन समय-समय पर इनके संशोधित संस्करणों का प्रकाशन भी किया जाता है।

     प्रामाणिक एवं व्यापक सामान्य विश्वकोशों का प्रकाशन करना कठिन होता है क्योंकि यह अत्यंत खर्चीला एवं बृहत कार्य होता है।

    इसके बिल्कुल विपरीत, विशिष्ट अथवा विषय-विश्वकोश उन आलेखों के संकलन होते हैं जो किसी क्षेत्र विशेष के विशिष्ट विषय तक ही सीमित होते हैं। वे भी प्रायः विषयानुसार अथवा नामों के अनुसार वर्णानुक्रम में व्यवस्थित किए जाते हैं। 

इन विश्वकोशों का लक्ष्य एवं डिजाइन विषय विशेष के विशेषज्ञों की अभिरूचि एवं आवश्यकता की पूर्ति करना होता है। लगभग सभी विषयों में इनका प्रकाशन पर्याप्त संख्या में किया जा रहा है जिसका मुख्य कारण सभी विषयों के साहित्य में निरंतर अपार वृद्धि का होना है।

     19वीं सदी में कुछ सीमित विषयों के लिए सीमित संख्या में विषय-विश्वकोश हुआ करते थे। लेकिन अब विषय-विश्वकोश प्रायः सभी विषयों में उपलब्ध हैं।

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